श्री श्रीमद् भक्ति दयित माधव गोस्वामी महाराज
जी द्बारा दिव्य हरिकथा।
सनातन धर्म और श्रीविग्रह पूजा
श्रीविग्रह-पूजा पुतुल-पूजा नहीं है। भगवान के श्रीविग्रह और भगवान के स्वरूप में
कोई अन्तर नहीं है,
यह दोनों ही प्रकृति के अतीत, वैकुण्ठ वस्तु है।
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Jai Gurudeva