Saturday 13 January 2018

श्री श्रीमद् भक्ति दयित माधव गोस्वामी महाराज जी द्बारा दिव्य हरिकथा। 

सनातन धर्म और श्रीविग्रह पूजा
श्रीविग्रह-पूजा पुतुल-पूजा नहीं है। भगवान के श्रीविग्रह और भगवान के स्वरूप में कोई अन्तर नहीं है,
यह दोनों ही प्रकृति के अतीत, वैकुण्ठ वस्तु है।



No comments:

Post a Comment

Jai Gurudeva